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- When The Son Came From Canada, He Came To Know That The Hospital Gave The Body Of The Mother To Someone Else, The Funeral Was Also Done.
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अहमदाबाद3 घंटे पहले
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मृतक लेखाबेन चंद (इनसेट में) के परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
- बेटे ने कहा- आखिरी बार मां का चेहरा देखने के लिए मैंने 36 घंटे का सफर किया
- बेटे के कनाडा से अहमदाबाद पहुंचने तक मोर्चरी में रखवाया गया था शव
अहमदाबाद के एक अस्पताल में स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एलिस ब्रिज इलाके में स्थित वीएस हॉस्पिटल की मोर्चरी से एक वृद्धा का शव किसी दूसरे परिवार को सौंप दिया गया। इस परिवार ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया, लेकिन यह वृद्धा उनके परिवार की सदस्य नहीं थीं। पता तब चला, जब वृद्धा का बेटा कनाडा से शव लेने के लिए वीएस अस्पताल पहुंचा। बेटे को जब मोर्चरी में में शव नहीं मिला तो वो हैरान रह गया।
वेजलपुर में रहने वाली लेखाबेन चंद (65) का 11 नवंबर को देहांत हो गया था। बेटा कनाडा से आने वाला था। परिवार ने शव मोर्चरी में रखवा दिया था।
13 नवंबर को जब मृतका का बेटा अहमदाबाद पहुंचा और अस्पताल गया। वहां अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘शव की अदला-बदली हो गई’। उन्होंने बताया कि शव ले जाने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पर, सवाल ये है कि शव ले जाते समय ही उसकी पहचान क्यों नहीं की गई।

पुलिस ने उस व्यक्ति को अरेस्ट कर लिया है, जो लेखाबेन का शव ले गया था।
अस्पताल में CCTV कैमरे भी नहीं
लेखाबेन चंद के परिवार ने कहा कि अस्पताल में CCTV कैमरे नहीं हैं और उसने ऐसे शवों का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा। ऐसे में शवों की अदला-बदली या गायब हो जाने की आशंका बढ़ गई है।
वृद्धा के बेटे अमित चंद ने कहा कि आखिरी बार अपनी मां का चेहरा देखने के लिए मैंने करीब 36 घंटे का सफर किया। यहां हमने उनके स्थान पर एक पुरुष का शव पाया। अधिकारियों के पास दस्तावेज नहीं हैं, जो हमने शव के साथ सौंपे थे। हमें कोई रसीद नहीं दी गई थी।

अस्पताल के बाहर जमा मृतका का परिवार।
यहां सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात यही है कि अगर अस्पताल स्टाफ से गलती हुई भी तो शव ले जाने वाले व्यक्ति ने भी महिला की पहचान क्यों नहीं की।