अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली
Updated Sun, 29 Nov 2020 06:27 AM IST
प्रदर्शनकारी किसान…
– फोटो : amar ujala
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खाने-पीने का राशन तो मौजूद है। लेकिन उन्हें यहां पर नहाने और पीने के लिए बड़ी मुश्किल से पानी उपलब्ध हो पा रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि टीकरी और सिंघू बॉर्डर पर इस वक्त भारी संख्या में किसान मौजूद हैं। पिछले तीन दिनों से यह सभी सड़कों और आसपास की एकांत जगहों पर नित्य क्रिया के लिए जा रहे हैं। किसानों के पास ऐसा करने के अलावा यहां दूसरा कोई रास्ता भी नहीं है। लेकिन यदि ऐसा आगे भी जारी रहा तो बॉर्डर के आसपास के स्थानीय लोगों को भारी गंदगी की समस्या झेलनी पड़ जाएगी।
वहीं राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उडने से भी कोई नहीं रोक पाएगा। सतपाल सिंह ने कहा कि सरकार बॉर्डर पर ही किसानों के लिए मोबाइल टॉयलेट का इंतजाम करवाए। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिन से किसान पास में स्थित दोनों पेट्रोल पंप पर बने टॉयलेट का इस्तेमाल कर रहे थे।
लेकिन शनिवार को पेट्रोल पंप पर यह सुविधा बंद हो जाने के कारण किसानों की समस्या बढ़ गई है। बूटा सिंह ने कहा कि यदि सरकार बुराड़ी मैदान में मोबाइल टॉयलेट का इंतजाम करवा सकती है तो बॉर्डर पर क्यों नहीं। वहीं मंजीत सिंह ने कहा कि चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थिति का सामना करना पड़े, जब तक सरकार उनकी बातें नहीं मानती वह बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे।
स्थानीय दुकानदारों को हो रही समस्या
टिकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान सड़कों के किनारे ही नित्य क्रिया के लिए जा रहे हैं। जिसकी वजह से यहां के स्थानीय दुकानदारों और लोगों को समस्या हो रही है। स्थानीय दवा के दुकानदार संदीप ने कहा कि ऐसा ही चलता रहा तो यहां पर रहना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को इसके लिए ध्यान देना चाहिए। क्योंकि यह लोगों के स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ा गंभीर मामला है।