न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 01 Dec 2020 12:59 AM IST
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पंजाब के किसानों तक सीमित किसान आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की तैयारी किसान संगठनों ने कर ली है। केंद्र सरकार की बुराड़ी जाने की शर्त मानने से इनकार करने के दूसरे दिन सोमवार को सिंघु बॉर्डर पर इस बारे में किसान संगठनों के बीच गहन विमर्श हुआ। इसके बाद किसान नेताओं ने एलान किया कि आंदोलन का स्वरूप अब राष्ट्रीय हो गया है। बगैर मांग पूरी हुए किसान वापस नहीं लौटेंगे। इसकी जगह आंदोलन को तेज करने के लिए दिल्ली का पांच तरफ से घेराव किया जाएगा। उधर, किसानों के बॉर्डर से न हटने की रणनीति से दिल्ली पुलिस ने पांचों बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है। साथ ही दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
किसान संगठनों ने अपनी बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान दिल्ली अपने मन की बात मोदी को सुनाने आए हैं। किसानों की बात ने सुनने पर सरकार को इसका नतीजा भुगतना होगा। खास बात यह कि किसान संगठनों की शुक्रवार को कोशिश रही कि सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन होने के आरोपों से इसे निकाला जाए। एआईकेएससीसी के योगेद्र यादव ने जोर देकर कहा कि किसानों का आंदोलन राष्ट्रीय हो गया है। यह सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है बल्कि 30 किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। हरियाणा की करीब 100 खाप पंचायतों के साथ देश भर के किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। 32 साल बाद चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने लाखों किसानों को एक साथ लाने का काम किया है। आंदोलन का आगे और तेज किया जाएगा।
उधर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसान व पुलिस बल आमने-सामने बैठे रहे। जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने सोमवार सुबह दो बार बैरिकेड तोड़कर राजधानी में घुसने का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने उनको वापस कर दिया। एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर जर्सी बैरियर लगा दिए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालात को देखते हुए राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को सोमवार और बढ़ा दिया गया। सिंघु, टिकरी व गाजीपुर बॉर्डर के अलावा दिल्ली-मथुरा व दिल्ली-जयपुर हाइवे पर भी अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। पूरी ही राजधानी अलर्ट पर है। नई दिल्ली इलाके में तो थोड़ी-थोड़ी दूर पर पिकेट लगाकर आने-जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है। इंडिया गेट, संसद भवन, जंतर-मंतर समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास पुलिस फोर्स की मौजूदगी को बढ़ा दिया गया है।
सोमवार को गुरु पर्व की वजह से सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर और बुराड़ी के मैदान पर किसान कीर्तन करते हुए नजर आए। किसानों का कहना था कि उनके लिए सबसे बड़ा खुशी को दिन वह होगा जब केंद्र सरकार काले कृषि कानूनों को वापस ले लेगी। किसानों का दावा था कि गुरु पर्व के बाद मंगलवार से ही पंजाब और हरियाणा से और किसान भारी संख्या में दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वह यहीं सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डेरा डाले रहेंगे। बॉर्डर पर किसान कई माह के राशन के साथ बैठे हैं।
बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में मौजूद किसानों ने पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि उनको निरंकारी ग्राउंड से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। वह अब सिंघु बॉर्डर या टिकरी बॉर्डर जाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस उनको यहां से निकलने नहीं दे रही है। किसानों का कहना है कि यदि उनको यहां बंधक बनाकर रखा गया तो वह भूख हड़ताल कर देंगे। दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसानों को बंधक नहीं बनाया गया है। उनसे गुजारिश की जा रही है कि आप अपनी मांगे मनवाने के लिए यहां प्रदर्शन कीजिए। किसानों को किसी भी तरह की परेशानियां नहीं होने दी जाएगी।
सार
-आंदोलन हुआ राष्ट्रीय, मांग पूरी हुए बिना वापस नहीं लौटेंगे कदम
-किसान संगठनों का सिंघु बॉर्डर से एलान, दिन भर किसानों की आपस में चली बैठक
विस्तार
पंजाब के किसानों तक सीमित किसान आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की तैयारी किसान संगठनों ने कर ली है। केंद्र सरकार की बुराड़ी जाने की शर्त मानने से इनकार करने के दूसरे दिन सोमवार को सिंघु बॉर्डर पर इस बारे में किसान संगठनों के बीच गहन विमर्श हुआ। इसके बाद किसान नेताओं ने एलान किया कि आंदोलन का स्वरूप अब राष्ट्रीय हो गया है। बगैर मांग पूरी हुए किसान वापस नहीं लौटेंगे। इसकी जगह आंदोलन को तेज करने के लिए दिल्ली का पांच तरफ से घेराव किया जाएगा। उधर, किसानों के बॉर्डर से न हटने की रणनीति से दिल्ली पुलिस ने पांचों बॉर्डर पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है। साथ ही दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
किसान संगठनों ने अपनी बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसान दिल्ली अपने मन की बात मोदी को सुनाने आए हैं। किसानों की बात ने सुनने पर सरकार को इसका नतीजा भुगतना होगा। खास बात यह कि किसान संगठनों की शुक्रवार को कोशिश रही कि सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन होने के आरोपों से इसे निकाला जाए। एआईकेएससीसी के योगेद्र यादव ने जोर देकर कहा कि किसानों का आंदोलन राष्ट्रीय हो गया है। यह सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है बल्कि 30 किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। हरियाणा की करीब 100 खाप पंचायतों के साथ देश भर के किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर पहुंच गए हैं। 32 साल बाद चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने लाखों किसानों को एक साथ लाने का काम किया है। आंदोलन का आगे और तेज किया जाएगा।
उधर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसान व पुलिस बल आमने-सामने बैठे रहे। जबकि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने सोमवार सुबह दो बार बैरिकेड तोड़कर राजधानी में घुसने का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने उनको वापस कर दिया। एहतियात के तौर पर दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर जर्सी बैरियर लगा दिए हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालात को देखते हुए राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को सोमवार और बढ़ा दिया गया। सिंघु, टिकरी व गाजीपुर बॉर्डर के अलावा दिल्ली-मथुरा व दिल्ली-जयपुर हाइवे पर भी अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। पूरी ही राजधानी अलर्ट पर है। नई दिल्ली इलाके में तो थोड़ी-थोड़ी दूर पर पिकेट लगाकर आने-जाने वाले लोगों की जांच की जा रही है। इंडिया गेट, संसद भवन, जंतर-मंतर समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास पुलिस फोर्स की मौजूदगी को बढ़ा दिया गया है।
गुरू पर्व पर कीर्तन
सोमवार को गुरु पर्व की वजह से सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर और बुराड़ी के मैदान पर किसान कीर्तन करते हुए नजर आए। किसानों का कहना था कि उनके लिए सबसे बड़ा खुशी को दिन वह होगा जब केंद्र सरकार काले कृषि कानूनों को वापस ले लेगी। किसानों का दावा था कि गुरु पर्व के बाद मंगलवार से ही पंजाब और हरियाणा से और किसान भारी संख्या में दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वह यहीं सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर डेरा डाले रहेंगे। बॉर्डर पर किसान कई माह के राशन के साथ बैठे हैं।
किसानों ने लगाया बंधक बनाने का अरोप
बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में मौजूद किसानों ने पुलिस पर बंधक बनाने का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि उनको निरंकारी ग्राउंड से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। वह अब सिंघु बॉर्डर या टिकरी बॉर्डर जाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस उनको यहां से निकलने नहीं दे रही है। किसानों का कहना है कि यदि उनको यहां बंधक बनाकर रखा गया तो वह भूख हड़ताल कर देंगे। दूसरी ओर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसानों को बंधक नहीं बनाया गया है। उनसे गुजारिश की जा रही है कि आप अपनी मांगे मनवाने के लिए यहां प्रदर्शन कीजिए। किसानों को किसी भी तरह की परेशानियां नहीं होने दी जाएगी।
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