न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 26 Jan 2021 05:43 AM IST
डॉ. चंद्रकांत एस पांडव (बाएं) और डॉ. जेएन पांडे (दाएं)
– फोटो : amar ujala
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दिल्ली एम्स के दो पूर्व डॉक्टरों को मिला पद्मश्री अवॉर्ड चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर दिल्ली एम्स के दो पूर्व डॉक्टरों को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। सोमवार को सरकार ने दिल्ली एम्स के पूर्व प्रोफेसर डॉ. जेएन पांडे और डॉ. चंद्रकांत एस पांडव को पद्मश्री अवॉर्ड देने की घोषणा की है।
डॉ. जेएन पांडे का पिछले वर्ष 23 मई को कोविड संक्रमण के चलते निधन हुआ था। दिल्ली एम्स में पल्मोनरी विभागाध्यक्ष के तौर पर डॉ. पांडे ने कई शोध व ऐतिहासिक उपलब्धियां संस्थान को दिलाई थीं। एम्स से सेवानिवृत्त होने के बाद वह नई दिल्ली स्थित सीताराम भरतिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत थे। जहां कोरोना महामारी के दौरान मरीजों का उपचार करते हुए वह खुद संपर्क में आने पर संक्रमित हुए और हालत बिगड़ने पर उनकी मौत हो गई।
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद निवासी डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे दिल्ली एम्स से ही चिकित्सीय अध्ययन करने के बाद अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया था। अपने कार्यकाल में इन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति के चिकित्सक के रुप में भी जिम्मेदारी संभाली थी।
दिल्ली एम्स के दो पूर्व डॉक्टरों को मिला पद्मश्री अवॉर्ड चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर दिल्ली एम्स के दो पूर्व डॉक्टरों को पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। सोमवार को सरकार ने दिल्ली एम्स के पूर्व प्रोफेसर डॉ. जेएन पांडे और डॉ. चंद्रकांत एस पांडव को पद्मश्री अवॉर्ड देने की घोषणा की है।
डॉ. जेएन पांडे का पिछले वर्ष 23 मई को कोविड संक्रमण के चलते निधन हुआ था। दिल्ली एम्स में पल्मोनरी विभागाध्यक्ष के तौर पर डॉ. पांडे ने कई शोध व ऐतिहासिक उपलब्धियां संस्थान को दिलाई थीं। एम्स से सेवानिवृत्त होने के बाद वह नई दिल्ली स्थित सीताराम भरतिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्यरत थे। जहां कोरोना महामारी के दौरान मरीजों का उपचार करते हुए वह खुद संपर्क में आने पर संक्रमित हुए और हालत बिगड़ने पर उनकी मौत हो गई।
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद निवासी डॉ. जितेंद्र नाथ पांडे दिल्ली एम्स से ही चिकित्सीय अध्ययन करने के बाद अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया था। अपने कार्यकाल में इन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति के चिकित्सक के रुप में भी जिम्मेदारी संभाली थी।
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