
एमसीसी (MCC) की क्रिकेट कमेटी की सोमवार को पहली बैठक हुई थी (PIC: PTI)
IND vs ENG: डीआरएस के दौरान अंपायर्स कॉल को लेकर भारत-इंग्लैंड (India vs England) के बीच हुए चेन्नई टेस्ट के बाद से ही विवाद बढ़ गया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
February 23, 2021, 1:41 PM IST
दरअसल, डीआरएस के दौरान अंपायर्स कॉल को लेकर भारत-इंग्लैंड (India vs England) के बीच हुए चेन्नई टेस्ट के बाद से ही विवाद बढ़ गया है. इस टेस्ट के तीसरे दिन स्पिनर अक्षर पटेल की एक गेंद पर इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के खिलाफ विकेटकीपर ऋषभ पंत ने कैच की अपील की थी. लेकिन फील्ड अंपायर नितिन मेनन ने इसे ठुकरा दिया था. इसके बाद पंत ने कप्तान कोहली को डीआरएस लेने के लिए कहा. कोहली ने डीआरएस लिया. रिप्ले में दिखा कि गेंद बल्ले से नहीं टकराई थी. इसका मतलब रूट के खिलाफ जो कैच की अपील की गई थी, उससे वे बच गए थे. लेकिन बॉल ट्रैकिंग में दिखा कि अक्षर की यह गेंद सीधे रूट के पैड पर टकराई थी. ऐसे में एलबीडब्ल्यू को लेकर वो फंस रहे थे. लेकिन अंपायर्स कॉल की वजह से भारत को रूट का विकेट नहीं मिला. तब से ही इसे लेकर बहस तेज हो गई है.
अंपायर्स कॉल को लेकर एमसीसी कमेटी ने दिए सुझावआईसीसी के मुताबिक, सौरव गांगुली, कुमार संगकारा और शेन वॉर्न जैसे दिग्गजों वाली एमसीसी की कमेटी में अंपायर्स कॉल के मुद्दे पर लंबी बहस हुई. इसमें कुछ सदस्यों ने कहा कि अंपायर्स कॉल की जगह सिर्फ आउट या नॉट आउट का फैसला दिया जाए. तो ज्यादा ठीक होगा. हालांकि, स्टंप्स से गेंद के टकराने की सूरत में अंपायर्स कॉल बनाए रखने पर सभी सदस्य एक मत दिखे. इसके तहत गेंद का कम से कम 50 फीसदी हिस्सा स्टंप्स पर लगना चाहिए.
लार के इस्तेमाल पर स्थायी तौर पर बैन लगाने पर विचार
इसके अलावा एमसीसी की क्रिकेट कमेटी ने इस बात पर भी चर्चा कि क्या कोरोना के दौरान गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर अस्थायी रोक को स्थायी कर दिया जाए. आईसीसी के मेडिकल एडवाइजरी बोर्ड के सुझाव के बाद पिछले साल ही गेंद पर लार के इस्तेमाल पर अस्थायी तौर पर रोक लगाई गई थी और सिर्फ पसीने के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. कमेटी के कई सदस्यों ने बैठक में स्थायी तौर पर लार के इस्तेमाल को बैन करने की मांग की. हालांकि, इसे लागू करने से पहले खिलाड़ियों की भी राय ली जाएगी.
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कमेटी ने आउटफील्ड में अनिर्णायक कैच की स्थिति में ऑन फील्ड अंपायर को लेकर सुझाव दिया है. कमेटी के मुताबिक, 30 गज के घेरे में तो सॉफ्ट सिग्नल का तरीका कारगर है. लेकिन बाउंड्री पर पकड़े जाने वाले कैच के लिए यह तरीका ज्यादा असरदार नहीं है. क्योंकि वहां अंपायर को कुछ देखने को मिलता नहीं है. ऐसे कैच को लेकर एमसीसी की कमेटी ने सुझाव दिया है कि ऑन फील्ड अंपायर ऐसे फैसलों के लिए टीवी अंपायर को यह इशारा कर सकता है कि उसे गेंद दिखाई ही नहीं दी. इसके लिए एक सिग्नल का इस्तेमाल किया जा सकता है.